वक़्त
वक़्त
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क्या बात है
रचनाओं
पर सुझाव
टिप्पणी
नहीं मिल
रही है
क्या कुछ
बेरूखी
चल रही है?
ये बात
हमारे
दिल में
नहीं उतर
रही है
वक़्त ने
ऐसा क्या
कर दिया
जो मचलते
मन को
शाँत कर
दिया है।
वक़्त का
जैसे कुछ
ठहराव हो
गया है।
अचानक
ये क्या
हो गया है।
वाह क्या
बात है?
बातों ही
बातों में
वक़्त पर
एक बात
बन गई
किसी से
कोई शिकवा
शिकायत नहीं
वक़्त पर एक
कविता बन गई।