वो होती
वो होती
मैं और मेरी तन्हाई
अक्सर ये बातें करते हैं ..
वो ना होती तो कैसा होता ?
क्योंकि वो है तो सब है,
वो जिसके दिल में
ममता की गर्माहट हो ,
वो जिसके आँचल में
मुहब्बत और सुकून हो,
वो जिसकी आँखों में
चाहत की ठंडक हो,
वो जिसके लहज़े में
स्नेह का रस हो,
वो जिसका साया भी
हमारा रक्षक हो,
वो ना होती तो ऐसा होता!
ये दुनिया ग़म की
आंधी बरसाती ,
ये जिंदगी बस दुखों की
थपेड़े सी होती ,
जन्नत ना कहलाती
ये धरती
इस दुनिया में
अगर माँ ना होती।