दोस्त
दोस्त
दोस्त को दोस्त ही रहने दो,
वरना जिंदगी बन जाएगा,
चाहते हुए भी वो,
फिर जिंदगी से हट ना पाएगा।
हा उसने मुश्किल में साथ निभाया,
हमारी खुशी को अपनी खुशी बनाया,
खुद गम में होके भी हमे हसना सिखाया,
शायद इसी ने हमे दोस्त बनाना सिखाया।
रिश्ता भले ये रिश्ते में ना आता हो,
पर पक्की ये पक्की डोरी से भी ज्यादा है,
दोस्ती नहीं इसमें भाईचारा थोड़ा ज्यादा है,
वादा ये दोस्ती का प्राण से भी ज्यादा है।
खेलते थे साथ मैं, घूमते थे साथ मैं,
आज भी वो दिन याद है जब झूमते थे साथ मैं,
इसलिए कहता हूँ की दोस्त को दोस्त ही रहने दो,
वरना जिंदगी बन जाएगा,
चाहते हुए भी वो,फिर जिंदगी से हट ना पाएगा।