नज़र की बात
नज़र की बात
नज़र की बात करोगे सितमगर, तो एक राह जुड़ जाएगी
आवाज़ नहीं होगी दो नज़रो के बीच,ये नज़र जुड़ जाएगी,
कहने को बहुत शिक़वे शिक़ायत होंगे, जुबां कह नहीं पायेगी,
एक कदम तुम चलोगे एक कदम हम, बस आहट सी आएगी,
नज़र की बात करोगे सितमगर, तो एक राह जुड़ जाएगी,
आवाज़ नहीं होगी दो नज़रो के बीच, ये नज़र जुड़ जाएगी,
जल जायेगा ज़माना हमसे जो लबों पे, एक प्यारी हंसी आएगी,
ज़िंदगी कहेगी तुम्हे सुभान अल्ल्हा, तनहा की सुबह तभी आएगी,
नज़र की बात करोगे सितमगर, तो एक राह जुड़ जाएगी