दोहे
दोहे
दिल को भाती है हँसी, करे मोद संचार।
हँसते बच्चे - फूल को, सब जन करते प्यार॥
राजनीति में इन दिनों, मंथन का है दौर।
कहाँ - कहाँ गलती हुईं, सब मिल करते गौर॥
दिल को भाती है हँसी, करे मोद संचार।
हँसते बच्चे - फूल को, सब जन करते प्यार॥
राजनीति में इन दिनों, मंथन का है दौर।
कहाँ - कहाँ गलती हुईं, सब मिल करते गौर॥