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नैतिक मूल्य

नैतिक मूल्य

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जिंदगी को कुदरत का ,

अनमोल उपहार माना है।

इसीलिए गम को,

आज तक नहीं पहचाना है।

दुआ बेशुमार पाई है,

इसीलिए मलाल की कोई भी ,

परछाई / गुंजाइश नहीं है।

ईमानदारी और इज़्ज़त को ,

सर्वोपरी रखा है

इसीलिए बेइमानी ने ,

कभी गला नहीं कसा है।।


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