"तंग है मेरी ये दिल्ली"
"तंग है मेरी ये दिल्ली"
ये 'जामा महजिद' की दिल्ली..या 'इडिंया गेट' की दिल्ली..
ये चौहानों की दिल्ली.. या सुल्तानो की दिल्ली..
ये कुर्बानियों की दिल्ली..,या मुसलमानों की दिल्ली..
ये हिंन्दुतान की दिल्ली..या हिदूंत्व की दिल्ली..
"इस शहर के 'रंग' बहुत हैं!!!!
इस शहर में "नाराजगी" बहुत हैं!!!!
शायद ,मेरा ये शहर 'तंग' बहुत हैं.!!!!”
"ये ताज़ों की दिल्ली.. या बुरे इरांदो की दिल्ली.
ये लाल-किले की दिल्ली.. या लाल लहूं की दिल्ली..
ये अमर जवानों की दिल्ली.. या नशीलें य़ुवांओ की दिल्ली..
ये पुरानी इमारतों की दिल्ली.. या नये मकानों की दिल्ली..
ये चोरों की दिल्ली..,या शोरों की दिल्ली......"
"इस शहर के 'रंग' बहुत हैं!!!!
इस शहर में 'नाराजगी' बहुत हैं!!!!
शायद , मेरा ये शहर 'तंग' बहुत हैं!!!!”
"ये 'दिलवालो' की दिल्ली.. या 'मरें इसांनो' की दिल्ली..
ये "नमो" की दिल्ली..,या "पप्पू" की दिल्ली..
ये "जाटो" की दिल्ली..,या हमारी "खंरांटो" की दिल्ली..
ये "केजरीवाल" की दिल्ली..,या उनंके सवालों की दिल्ली..
ये कन्हैया की दिल्ली..,या उसकी अभिव्यक्ती की दिल्ली..
"इस शहर के 'रंग' बहुत हैं!!!!
इस शहर में 'नाराजगी' बहुत हैं!!!!
शायद , मेरा ये शहर 'तंग' बहुत हैं!!!!”
"ये बरसातों की दिल्ली.., या खूंन के प्यासों की दिल्ली..
य़े सरद हवा की दिल्ली.., या दरद-दवाओ की दिल्ली..
ये नुक्कड़ो की दिल्ली.., या भुक्कड़ो की दिल्ली..
ये "निरभया की दिल्ली...,या शरम-हया की दिल्ली..”
"इस शहर के 'रंग' बहुत हैं..........
इस शहर में 'नाराजगी' बहुत है.......
शायद ,मेरा ये शहर 'तंग' बहुत है..".
"ये मेरी अभिव्यक्ति की है दिल्ली”
"ये भारत की शक्ति की है दिल्ली".
शायद जागती हुई,!!!!
भी सो रही हैं, मेरी दिल्ली!!!!
तभी "तंग है, मेरी ये दिल्ली!!!!
तभी "तंग है, मेरी ये दिल्ली!!!!