Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

दर्द मिल गया

दर्द मिल गया

1 min
6.8K


बहारें आने से पहले ही दर्द मिल गया ।
जो जख़्म भरा था फिर हरा हो गया ।।
कैसे गुज़रेगा ये लम्हा ज़िन्दगी का ।
तोहफा जो बडा ही ख़ूबसूरत मिल गया ।।
जो रंग रुप नहीं देखे थे जीने के कभी ।
इस बार कोई नया बहना मिल गया ।।
प्यार तो होना ही था तुमसे इसमें कोई खेद नहीं ।
पर जो नहीं चाहिये था वो मिल गया ।।
कैसे सुनाऊँ अपने दर्द की कहानी तुमसे ।
तुम्हारे दिल में जो कोई और बस गया ।।

------ रमन शर्मा हिमाचली ।


Rate this content
Log in