आजादी 2
आजादी 2
मन कोरा सपनों से
आंखे सुनी आशाओं से
दिल में ना रंज किसी से
धड़कन में कोई जज़्बात नहीं
यह है फिजूल जिंदगी
इसमें ज़िंदा जैसी कोई बात नहीं
जीना है तो
उड़ जाने दे मन को उन्मुक्त गगन में
जब–जब भी तेरी आँखें झपकें
नूतन सपनों से भर जाएं
ख़लिश किसी से पाल भी ले अब
होने दे बैचेनी दिल में
धड़कन को दीवाना कर दे
उमंग, उत्साह, जोश–जिंदगी
प्राणहीन जीवन फिर जिंदा कर दे
मन में सपने, आंखो में आशाएँ
दिल में जोश
धड़कन को तूफानी कर दे
तू खुद को फिर जिंदा कर दे
तू खुद को फिर जिंदा कर दे ।