Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

आँखों के आँसू

आँखों के आँसू

1 min
447


बेटी के ससुराल में

पिता के आने की खबर

बेसब्री तोड़ देती बेटी की

आँखें निहारती राहों को

देर होने पर

छलकने लगते आँसू

दहलीज पर आवाज़ लगाती

पिता की आवाज़ -बेटी

रिश्तों,काम काज को छोड़

पग हिरणी सी चाल बने

ऐसी निर्मल हवा

सूखा देती आँखों के आँसू


लिपट पड़ती अपने पिता से

रोता -हँसता चेहरा बोल उठता

पापा इतनी देर कैसे हो गई

समय रिश्तों के पंख लगा उड़ने लगा

मगर यादें वही रुकी रही

मानो कह रही हो

अब न आ सकूँगा मेरी बेटी

मगर अब भी

आँखें निहारती राहों को


याद आने पर

छलकने लगते आँसू

दहलीज पर आवाज़ लगाती

पिता की आवाज़ -बेटी

अब न आ सकी

पिता की राह निहारने के बजाय

आकाश के तारों में ढूंढ रही पापा

कहते है की लोग मरने के बाद

बन जाते है तारे

आँसू ढुलक पड़ते रोज़ गालों पर

और सूख जाते अपने आप

क्योंकि निर्मल हवा कभी

सूखा देती थी आँखों के आँसू

जो अब है थम...



Rate this content
Log in