पता नही कैसी थी ये दोस्ती
पता नही कैसी थी ये दोस्ती
देखी मैंने एक दोस्ती
पता नही कैसी थी ये दोस्ती
नाम की दोस्ती या दिखावे की थी वो दोस्ती
पता नही कैसी थी ये दोस्ती,
उसने मुझे खूब बोला कहीं भूल न जाना
क्योंकि थोड़े दिन की है ये दोस्ती
पर खुद भूल गए ये दोस्ती
पता नही कैसी थी ये दोस्ती,
इस दोस्ती को क्या नाम दूँ
वहम समझ कर भूल जाऊं
या यादों में सजा लूँ
इस दोस्त का मैं क्या करूँ,
उस दोस्त ने बोला था
हमेशा तुम्हे याद रखूंगा
तुम्हारे साथ चलूँगा
पर हुआ कुछ नही और
हम उन्हें दिल में जगह दे बैठे,
लेकिन अब समझ आ गया
पता चल गया मुझे कैसी थी
ये दोस्ती
वहम की थी ये दोस्ती और
कुछ नही नाम की थी ये दोस्ती
देखी मैंने एक दोस्ती ...
पता नही कैसी थी ये दोस्ती।