Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Alka Agarwal

Others

2.4  

Alka Agarwal

Others

वृक्षारोपण

वृक्षारोपण

1 min
13.8K


 

मेरी खुशियों की खातिर क्यों वृक्षों का यौवन रोता है

मेरे दहन की खातिर क्यों वृक्षों का दोहन होता है

मुझको तो मारा काल ने वृक्ष मरे बिन काल के 

यूं तो पड़ जायेगा अकाल आने वाले काल में

मेरे मोक्ष की खातिर क्यों वृक्षों का शोषण होता है

मेरी खुशियों की खातिर क्यों वृक्षों का यौवन रोता है

 

मैने तो जीते जी भी कितने वृक्षों को मारा है

अपने सुख की खातिर इनको मौत के घाट उतारा है

मेरे मोक्ष की खातिर क्यों वृक्षों का शोषण होता है

मेरी खुशियों की खातिर क्यों वृक्षों का यौवन रोता है

 

मैं तो बस लेता ही आया प्रकृति से उपहारों को 

मेरी संतानें हैं संकट में चलो चुकाऊँ उधारों को 

चीख चीख कर वृक्ष कहे क्यों नहीं मेरा रोपण होता है

मेरी खुशियों की खातिर क्यों वृक्षों का यौवन रोता है

 

इनको ना तुम नश्वर जानो

स्वयं में इनको ईश्वर मानो

सर्व धर्म हो कर के एक 

अब अपने अंतर में झांको

हो नर तो कहो 

अब वृक्षारोपण होता है

अब वृक्षारोपण होता है

 


Rate this content
Log in