मेरी माँ
मेरी माँ
गये वो दिन बहारों के जब मैं खेला करता था
हँसता, रोता, गाता जब मैं खेला करता था
चोट लगे तुझे तो छिपाया करता था
तेरी डांट के प्यार से नहाया करता था
माँ तेरे आंचल से लिपट कर रोया करता था
तू देवी है इस दुनिया की
तुझसे छिपाया करता था
ये भूल है मेरी जो तुझ से छिपाया करता था
माँ तेरे आंचल से लिपट कर मैं रोया करता था
तेरे चरणों की धूल का मैं तिलक लगाया करता हूँ
अब जो समझा माँ तेरी याद रुलाती है
माँ तेरी याद सताती है।
माँ तेरी याद रुलाती है।।