एम्बुलेंस और लाल बत्ती
एम्बुलेंस और लाल बत्ती
देखा जो एक वाकिया मैंने तो,
मन में उठा एक ही सवाल।
आखिर क्यों है आजकल,
सिर्फ लाल बत्ती का बवाल।
एक मरीज़ दर्द से बेहाल हुआ तो,
घरवालों ने एम्बुलेंस बुलाया।
पहुँचीं तो झट से तो फिर,
सहारे से मरीज़ को चढ़ाया।
एम्बुलेंस की रफ़्तार बढ़ती रही,
और सभी रास्ते दिए जा रहे थे।
की हालत देख पास बैठे लोग,
बस भगवान का नाम लिए जा रहे थे।
आगे बढ़ते गए तो कुछ दूर पर ही,
ट्रैफिक सिग्नल का वो भीड़ आया।
लोग तो रास्ते देते पर क्या करते,
क्योंकि लाल बत्ती ने सभी को रुकाया।
एम्बुलेंस की लाल बत्ती जलते हुए,
सिग्नल की बत्ती का इंतजार कर रहीं थी।
हॉस्पिटल पहुचने के बाद आई.सी.यू के,
बाहर भी लाल बत्ती ही जल रही थी।
घरवाले एकटक लाल बत्ती देखकर,
बेचैनी से सासों को चला रहे थे।
जल्द ही डाक्टर शुकुन बताएं,
ऐसा ही कुछ वो मना रहे थे।
अब लाल बत्ती बुझते ही सभी लोग,
डाक्टर के पास दौड़ कर आए।
डाक्टर ने कहा आप लोग देर हो गए,
इसलिए हम उन्हें बचा नहीं पाए।