हुनर
हुनर
आसमां में बादल तो बहुत है पर बरसता कोई-कोई है
चमन में कलियाँ तो बहुत है पर खिलती कोई-कोई है
अम्बर पर तारे बहुत है पर चमकता कोई-कोई है
पूजा तो सभी करते है पर पूजता कोई-कोई है
सफलता के सागर में तैरते तो सब है पर डुबता कोई-कोई है
साँसे तो सभी लेते है पर जीता कोई-कोई है
दिल सबके पास है पर दिलेर कोई-कोई है
नाम सबके पास है पर नामवाला कोई-कोई है