शुक्रिया आपका !
शुक्रिया आपका !
न जाने कैसे अदा करें हम शुक्रिया आपका,
भूल गये थे हम पर न भूले आप,
और
जो याद दिलायी औकात हमारी, शुक्रिया आपका !
दिन ही दिन में खुली पलकों से ख्वाब देखने लगे थे हम
एक ही झटके से जगा दिया हमको आपने, शुक्रिया आपका !
मन ही मन आपको याद करके रोते थे हम,
पर दिल तोड़कर अश्कों से गीली मुस्कान दी, शुक्रिया आपका !
हम ही पागल थे जो करने लगे थे आपसे मोहब्बत,
पर बेरुखी से दामन छुड़ा दिया, शुक्रिया आपका !
कुछ कहने सुनने को जो तरसे हम सारी ज़िंदगी,
एक ही इन्कार से खत्म कर दिया इंतज़ार, शुक्रिया आपका !
किसने कहा कि मर जायेंगे, ये भी तो नहीं कि जान दे दे देंगे,
पर ये बात भी है, तुम्हारे बिना जीना - जीना नहीं होगा...।।