उपकारी हस्त
उपकारी हस्त
बहु अमूल्य हैं विभिन्न
उपकारी हथेलियाँ,
मलिन होते हैं मृत्तिका में
यह हस्तकौशल हथेलियाँl
हलधर के हाथ बिना
कृषि जीवन है निस्तब्ध निस्तेज,
समयोचित खाद्य बिना
किसी के जीवन में नहीं रहेगा तेजl
कचरे उठाने वालों के हाथों बिना
कूड़ा-कचरा होगा असहनीय,
उनकी वजह से भिन्न-विभिन्न
मनोरम पर्यटक स्थल बने दर्शनीयl
दैनंदिन कार्यकलाप निश्चल हो जाएँ
जब न हो स्वास्थ्यरक्षा श्रमिक,
अत्यंत दुष्कर कठिन काम कर रहे हैं
पाकर न्यूनतम पारिश्रमिकl
तैलाक्त हस्तों से लिप्त कल कारखाना
कारीगरों को मिले उचित आदर,
हमारे जीवन में उनकी विशाल भूमिका हेतु
देना होगा समुचित सादरl
गाड़ी चालक आरम्भ-अंत करते हैं
सबकी भ्रमण-यात्रा,
कोई भी नहीं जानता है
किसके हाथों में होगी अंतिम-यात्राl
चिकनी मिट्टी से लिप्त हस्तों में सृष्टि होते हैं
सुन्दर-सुन्दर मृण्मय पात्र,
कुम्हार मृच्छिल्पी अपने कुम्हार चक्र से
सृजन करें गमले खिलौने रसोई पात्रl
बहुत श्रद्धा स्नेह सहित माली रखे
मिट्टी पर अपना हस्त,
अपने उत्सर्गिकृत भावना से
पेड़-पौधे बगीचे प्रति रहे समर्पितl
श्रीगणेश देवी-देवताओं दुर्गादेवी जी की
प्रतिमाएँ हैं शोभनीय सृजन,
मृत्तिका मूर्तिशिल्पियों की सृजनशक्ति
देखकर मन में होता हैं आनंद का गुंजनl
भोजनावशेष पात्र को अपने हाथों से
सफाई करे नौकरानी,
अनादर अनुचित है क्योंकि
अपनी ख़ुशी से नहीं बनी है नौकरानीl
खाने को नहीं मिलेगा
अगर नहीं हैं रसोईदार,
उनके ईमानदार हाथ का बना
खाना हमेशा है इनामदारl
कीचड़ की मिट्टी से
बने विभिन्न ईंट,
भट्टी के मज़दूर के
प्रति न रहें ढीठl
सबके करतल में हैं
अपनी-अपनी नियति,
अपने दृढ़-संकल्प अविरत परिश्रम से
सृष्टि कर सकते हैं अपनी उन्नतिl
जीवन में कभी भी भूलें नहीं
समस्त उपकारी हस्त,
उन्हीं व्यस्त हाथों की वजह से
हम सभी हैं अपने कार्यों में व्यस्तl