गये हैं
गये हैं
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इतने तुम्हारे गम में हम डूब गये हैं ,
इस जिंदगी से तन्हा बहुत उब गये हैं
उनके सिवा नजर में कोइ जंचता नहीं है
चाहत में उनकी आगे खूब निकल गये हैं
राहें उन्हें तकती ये निगाहें नहीं हटतीं,
दुनिया की निगाहों में भले चुभ गये हैं ।
रुक रुक के हर इक सांस उन्हें याद करे है,
अब जाने कहां दूर वो महेबुब गये है।
किस तरह भुला दें वो मासूम अदा हम,
हस्ती से मेरी इतने वो मनसुब हो गये हैं