दिवाली
दिवाली
श्री गणपति, हरिप्रिया,
माँ शारदे हो प्रसन्न,
घर में हो खुशियाँ,
मन में हो तरंग,
तब दिवाली होती है।
सब रहे हष्ट-पुष्ट,
आपस में हो सुमति,
तब दिवाली होती है।
सब शिक्षा से हों रोजगार,
मन के विकार जब धुल जायें,
तब दिवाली होती है।
मीत न छोड़े साथ,
सब मिलकर बढ़ाये हाथ,
तब दिवाली होती है।
रिश्तों में हो गहन प्यार,
इक दूजे पे सर्वस्व करें वार,
तब दिवाली होती है।
गरीबों का करें ख्याल,
असहायों का करें कल्याण,
तब दिवाली होती है।
सुपात्र को करें दान,
वृद्धों का करें सम्मान,
तब दिवाली होती है।
पास-पड़ोस में खुशी मनायें,
घर में खुशियों के दीप जगमगायें,
तब दिवाली होती है।।