एक सुहानी शाम चाहते है!
एक सुहानी शाम चाहते है!
एक सुहानी शाम हम चाहते हैं
हमारी मुलाकात हम चाहते हैं
खुल के दिल की बातें हो सके
ऐसी रुहानी शाम हम चाहते हैं,
समंदर किनारे हम मिलेंगे
दिल में कई फूल नए खिलेंगें
क्षितिजरेखा पर सागर में
डूबते हुए सुरज को हम देखेंगे
दूरी से हम तो रोज़ मिलते हैं
नज़दीकी मुलाकात हम चाहते हैं
एक सुहानी....
एक दूजे के हाथ को पकड़ कर
समंदर के किनारे हम घूमेंगे
आँखों में आँखों को पिरो कर
रेत पर जा कर हम बैठेंगे
किनारे पर उस गीली रेत पर
हम नाम अपना लिखना चाहते हैं,
एक सुहानी....
न जाने मुझे शाम वो कब मिलेगी?
अरमानों की कली वो कब खिलेगी?
उम्मीद है कि वादा तुम निभाओगे
मुझ से मिलने जरुर तुम आओगे
वादा तुम्हारा जल्द पूरा करो
हम तुम से बस इतना चाहते हैं।
एक सुहानी....