सर्दी में आग
सर्दी में आग
आ गया है जाड़ों का सर्द मौसम,
अलाव की गर्मी हो तो लगे काम।
चल रही हैं थरथराने वाली शीत हवाएं,
निडर होकर सामना करके चहकते जाएँ।
माँ और बेटा ले रहे हैं आग का मज़ा,
लगे जैसे ले रहे हैं सांझे चूल्हे का मज़ा।
कितना सुन्दर है बेटे का नादान मुस्कान,
माँ के लिए हैं यह सबसे बड़े खुशी का सोपान।
दोनों भूल चुके हैं अपनी गरीबी और मुसीबतें,
क्योंकि ज़िन्दगी को मालूम हैं यह जानी पहचानी बातें।
दोस्तों की तरह माँ बेटे कर रहे हैं हंसी चुटकुले,
माता की प्यार भरे ठिठोले हमेशा हैं बेहद निराले।
जगह की कुछ नहीं हैं दोनों को चिंता,
माँ के पास बच्चे के लिए है अनुराग की अनुपम अनुचिंता।
यहाँ केवल दिखा रहा है माँ की ममता,
कोमल आग के तप जैसा स्नेह कोई नहीं दे सकता।
गुज़रती जाए हर सर्द रात,
इस छोटे सी आग में अच्छी लगे हर बात।