जिगसॉ पज़ल
जिगसॉ पज़ल
समाज क्या है,
बस एक ज़िगसॉ पज़ल
हर धर्म, समुदाय,
हर वर्ण, लिंग,
हर वर्ग, जाति, पंथ,
उस पज़ल के हल का
एक छोटा टुकड़ा है।
अलग से एक टुकड़ा,
जिसके किनारे हैं घुमावदार,
और जिसका
अस्तित्व है अर्थहीन ।
किन्तु सत्य है यह भी,
कि बिना उसके
पज़ल भी अधूरी है,
अनसुलझी और रिक्त।