दर्द तू मेरा गुनहगार है।
दर्द तू मेरा गुनहगार है।
जितना मैं हिम्मत खोती हूँ
उतनी ही चुप हो जाती हूँ।
जितना महसूस करती हूँ
उतना ही दर्द मैं पाती हूँ।
हरगिज़ मंज़ूर नहीं अखिंयों में
अश्को का मुझको पहरा।
सीना ही चीर दे भले ही
वो ज़ख्म हो कितना गहरा।
अखियाँ मेरी रोती है
आई आँसुओ कि बहार है।
दिल मेरा तड़पता है
दर्द तू मेरा गुनहगार है।
यह जीना भी क्या जीना है
जिसमे तूने सासों को पल-पल छीना है।
बोझ दिल में लेकर कटते नहीं दिन
कब तक मुझे गम का घूँट पीना है।
बिखरा दिया है हिस्सो में
कहानी के उन किस्सो में।
जो जुड़ते है तो पूरे होते
वरना बेअर्थ ही रह जाते हैं।
अखियाँ मेरी रोती है
आई आसुंओ की बहार है।
दिल मेरा तड़पता है
दर्द तू मेरा गुनहगार है।
साथ साया छोड़ देगा..तू सदा ही रहेगा
मालूम मुझे मुकम्मल मुझसे ही बनेगा।
भूला दूं दो पल के लिए यही जायज़ होगा
लेकिन ऐ दर्द तेरा मुझसे कत्ल ना होगा।
तकलीफ़ों से गुज़ार कर
तू खुद ही थक जाएगा।
आज झुकीं हूँ तेरे आगे
कल तू भी झुक जाएगा।
अखियाँ मेरी रोती है
आई आसुंओ की बहार है।
दिल मेरा तड़पता है
दर्द तू मेरा गुनहगार है।