सादगी
सादगी
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मेरी सादगी का ही दीवाना था तू
बरसों इसी पर मरता रहा
आज भी है तुझे परवाह मेरी
लेकिन वक्त कभी ना तुमारे साथ था
और ना ही वक्त मेरे साथ है
ये सादगी ही तो है जो हम दोनों
को एक दूजे के करीब लायी
जुदा होते हुए भी हम हर पल साथ है