चलो गमो से दोस्ती कर ले ....
चलो गमो से दोस्ती कर ले ....
चलो गमो से दोस्ती कर ले ....
खुशियो से जादा गम हैं तो क्या हुआ ?
फिर क्यों न हसीं - ख़ुशी जी ले ..
दोस्तो ! जिना तो हर हाल मे हैं ही !
गम ही तो जिना सिखाता हैं ...
गम तो खुशियो का पैगाम लाता हैं !
ख़ुशीया तो चंद दिनो कि महेमान ..
गम तो साथी और ख़ुशी परछाई हैं.!
गम और ख़ुशी का आपस मे अटूट बंधन हैं ...
यह सबकुछ अपने ही दिल का वहम हैं.!..
गम से ना डरो और ख़ुशी कि ना चिंता करो !
जी भर के जियो गम और ख़ुशी तो आनी - जानी हैं !
ख़ुशी का स्वागत सभी दिलसे करते हैं ..
गम बेचारा चुपके से घर मे घुसता हैं !
ख़ुशी तो चंचल होती हैं और गम दयालु...
गम तो हमेशा रिश्ते बनाये रखता है !
ख़ुशी तो संगदिल सनम ,पलंभर कि प्रेयसी हैं ...
गम हैं इसलिये तो हम आदमी के आँखे नम हैं !
गम तो देवदास हैं और ख़ुशी तो ( पा रो )पराया धन हैं ...
गम हो या ख़ुशी दोस्तो फिकर ना करो चले चलो ....!