साथ जन्मों का .....
साथ जन्मों का .....
न जाने कितनी
गलतफहमियों को
मन में धारे,
असमंजस की धारों में
डूबते- उतराते
खामोश बहे जा रहे
दोनों साथ-साथ
अब
तोड़ भी दो
ये चुप्पी
कह दो
वो खुबसूरत
दो लफ़्ज
कि उन लफ्जों में
घुल-मिल
ए अधूरा
'साथ '
बन जाए
जन्म-जन्मान्तर का साथ !.......