युवक
युवक
आज का मैं युवक हूं
खेल के मैदान का बादशाह हूं
कुछ करना चाहता हूं
घर परिवार की जिम्मेदारी
उठाना चाहता हूं।
इसलिए मैं कड़ी मेहनत से
अपना शौक भी पूरा करता हूं
दुनिया में विश्वास कमाकर
खुश रहना चाहता हूं।
मेरे मन में है असंख्य सपने
उन्हें मुझ को पूरा करना है
हीरे की तरह चमक दिखाकर
मस्त जिंदगी जीना है।
ना डरूँ मैं धूप-छांव से
ना डरूँ ठंड और बरसात से
ना डरु मैं मेहनत से
होगी जीत मेरी सच्चाई की राह से।
कहो तो मैं छलांग लगा दूं
क्षितिज के उस पार
कहो तो जमीन में से
निकाल दू पानी की धार।