अपशब्द अपवाद
अपशब्द अपवाद
जाने अनजाने सुनाएंगे कर्ण कठोर कर्कश अपवाद,
सबके साथ नहीं कर सकते हैं व्यर्थ संवाद प्रतिवाद।
मदांध मदचित्त होकर सृस्टि करते हैं अप्रिय उन्माद,
अंत में छोड़ जाते हैं अरुचिकर विषैला विषम विषाद।
कई झूठे कहेंगे अनेक पापिष्ठ अपमानजनक अपशब्द,
जिससे आरंभ हो जाए कलुषित अनचाहा वाद-विवाद।
घनिष्ठ बंधुता में आ जाए अनियमित अंतर आपद विपद,
अपशब्द अपवाद कहकर कुछ व्यक्ति पाएं अनैतिक आनंद।