क्यों?
क्यों?
चिड़िया क्यों उड़ रही है,
मछली क्यों तैरती है,
इंसान चलता क्यों है,
मोटर क्यों दौड़ती है ?
बुलबुल चहकता क्यों हैं,
क्यो मोर नाचता है,
बादल गरजता क्यों है,
कुत्ता क्यों भौंकता हैं ?
आँखे फिसलती क्यों हैं,
फिर ख्वाब आज क्यों हैं,
सूरज निकलता क्यों है,
तारों की रात क्यों है ?
बिस्तर पे सोना क्यों है,
खटिया पलंग क्यों है,
सांसे क्यो चल रही हैं,
इंसान भी ज़िंदा क्यों है ?
मरने से खौफ क्यों है,
जीने का ख्वाब क्यों है,
खूशियाँ हज़ार क्यों हैं,
ग़म का बाज़ार क्यों है ?
नफरत जहान में क्यों है,
हसरत उम्मीद क्यों है,
इतने सवाल क्यों है,
क्यों का जवाब क्यों है ?
बोलो उदासी क्यों है,
सरमाया आज क्यों है,
पर्दा लिबास क्यों है,
नंगा रिवाज क्यों है ?
ज़िद्द दिल को आज क्यों है,
दिल फिर नाराज़ क्यों है,
चाहत चलन में क्यों है,
रूसवाई यार क्यों है ?
रस्मे जहान में क्यों है,
मज़हब हज़ार क्यों हैं,
लिखकर जवाब भेज़ो,
फितना अजाब क्यों है ?
मंजिल का ख्वाब क्यों है,
पैनी समाज क्यों है,
अब तक चलन गुलामी,
ज़ेहनो में आज क्यों है ?
मंज़र की चाहतों पर,
पहरा समाज क्यों है ?