प्रिज़्म
प्रिज़्म
1 min
1.3K
प्रिज़्म बन कर इंसान,
अपनी ओर आती
रोशनी की हर किरण को
तोड़ देना चाहता है
अलग अलग रंगों में।
बना देना चाहता है
एक सतरंगी पैटर्न,
इंद्रधनुषी।
किन्तु रह जाती है,
उससे गुज़रने के बाद
धुंधली बेरंग रोशनी।
शायद प्रिज़्म की क्वालिटी
अच्छी नहीं रही।
लेकिन,
इंतज़ार है मुझे
इंद्रधनुष का।
उम्मीद है अब भी,
इस इंतज़ार के
खत्म होने का।