मौत का सौदागर
मौत का सौदागर
मौत का सौदागर
कौन है यह कहना
बहुत मुश्किल है ।
मौत का फैसला
न्याय की अदालतो
में बैठे जज करते है ।
साक्ष्य गवाहो की
पैरवी से निर्णय होते है ।
पुलिस केस बनाती है
वकीलो की जिरह
अदालत मे होती है ।
जज महोदय सबूतों
गवाहो के कथन पर
अपनी बुद्धि विबेक
से निर्णय करते है ।
सबूत गवाह न मिले
मौत के सौदागर
बेगुनाह छूट जाते है ।
वैसे भी न्याय की
इन अदालतो मे दश
बीस साल केस चलते है ।
न्याय पाने की आस मे
केस लड़ते लड़ते
कुछ तो ईश्वर को
भी प्यारे हो जाते है ।
कौन मौत का सौदागर है
इसके निर्णय अदालतो
में नही हो पाते है ।
कानून की पेचीदियो
मे ही फसे रह जाते है ।
और मौत के सौदागर
खुले ऐसे ही आम घूमते है !