उदासी का सबब
उदासी का सबब
वो पूछ बैठे हमसे...
हमारी उदासी का सबब...
जब लब खोले
तब उनका नाम आया...
ख़त था किसी का...
हर ख़त में लगा मेरा पैगाम आया।
वो पूछ बैठे हमसे...
हमारी उदासी का सबब...
जब नींदों ने आवाज़ दी
तब उनका शुरुर था...
हर ख़्वाब के आखिर में सोचा...
शायद अब उनका पैगाम आया।
वो पूछ बैठे हमसे...
हमारी उदासी का सबब...
मुड़-मुड़कर देख रहा था,
रास्तों के किनारे चाहत से...
हर कदम पे लगा था मुझको...
अब रुकने का पैगाम आया...२
वो पूछ बैठे हमसे...
हमारी उदासी का सबब...