आगे भी रोशनी फैलाओ
आगे भी रोशनी फैलाओ
हो के जिंदगी से खफा
लौ ना इसकी बुझाओ
जिदगी तो दीपक है
आगे भी रोशनी फैलाओ।
कर जाये कोई शाम तुम्हें निराश
दिल में फिर एक आस जगाओ
जिंदगी एक संघर्ष है
इससे ना तुम घबराओ।
छोड़ जाए कोई तुम्हें मोड़ पे लाकर
ख़ौफ़ ना दिल में जगाओ
हिम्मत को हमराही बनाकर
आगे भी कदम बढ़ाओ।
जिंदगी तो काँटो से भरा एक गुलशन है
इसकी चुभन से न तुम घबराओ
इन काँटों को गले लगाकर
अपनी मंजिल को तुम चूम जाओ।।