आओ इस दीवाली को सही मनाते हैं
आओ इस दीवाली को सही मनाते हैं
आओ इस दीवाली को सही मायने में मनाते हैं,
अपने घर का एक दीया किसी अंधेरे घर में जलाते हैं,
खूब जलायी फुलझड़ियाँ और खूब पटाखे फोड़े हैं,
दो चार पटाखे इस बार बेचारों को दिलवाते हैं,
हम सब के पास हैं खुशियाँ ढेरों चित उल्लासित रहता है,
एक छोटा टुकड़ा खुशियों का चलो उनको देकर आते हैं,
दीवाली पर घर आया मीठा अक्सर ज्यादा पड़ जाता है,
कुछ टुकड़े मीठे के प्यारे उनको चलो खिलाते हैं,
अपनों में हम खुश रहते दिन भर हंसी ठिठोली करते हैं,
चलो प्यार भरे कुछ ऐसे घण्टे उनके साथ बिताते हैं,
आओ इस दीवाली को सही मायने में मनाते हैं,
अपने घर का एक दीया किसी अंधेरे घर में जलाते हैं