सोचा न था !
सोचा न था !
जिस अोर से आश नहीं थी हमको
उस अोर से ज़ोर की हवा चली
नामुमकिन था जिसको पाना ऐसी हम को रजा मिली
रंगीन समझ बैठे थे जिसको
वह काले रंग की फिजा मिली
मेरा गुनाह इतना बड़ा नहीं था
जितनी बड़ी मुझको सजा मिली !
जिस अोर से आश नहीं थी हमको
उस अोर से ज़ोर की हवा चली
नामुमकिन था जिसको पाना ऐसी हम को रजा मिली
रंगीन समझ बैठे थे जिसको
वह काले रंग की फिजा मिली
मेरा गुनाह इतना बड़ा नहीं था
जितनी बड़ी मुझको सजा मिली !