बस ये जंग आखिरी है
बस ये जंग आखिरी है
बस तुम्हारे मेरे बीच ये जंग आखिरी है
मैं हारा तो भी तुम हारोगे ,
सो ना पाओगे फिर कभी सुकून से
मैं जीता तो सब कुछ तुम्हें सौंप दूँगा
अपना मन जो कभी मित्रवत था तुमसे
बस ये जंग आखिरी है
इसमे तुमसे लड़कर मैं कभी खुश ना था
पर तुम ही लाये मुझे इस दुविधा मोड़ पर
था अन्याय पर सब सहा मैने
तुम से हताश था पर फिर भी रोज़ चौखट पे मन था
जैसे हाथी बांध रखा हो किसी ने एक छोटे खूंटे से
बस ये जंग आखिरी है
अब भी तुम मुझे डराते रहते हो कभी कभी
मगर इतना तुम भी तो समझो
मैं अब निर्भय हूँ
अब भीरता का कोई प्रमाण नही हैं
अब जीवित हूँ क्योंकि
बस ये जंग आखिरी हैं