प्रियतम उस दिन हम महकेंगे
प्रियतम उस दिन हम महकेंगे
नयन तुम्हारे अमर प्रेम का,
जिस दिन आमंत्रण दे देंगे।
प्रियतम उस दिन हम महकेंगे...
अभी प्रतीक्षारत हैं मेरे,
हृदय छुपी सारी आशायें।
प्रेम संदेशा आप लिये जब,
हृदय द्वार मेरा खटकायें।
पढ़ पाती अनुराग भरी तब,
उर के शांत भाव चहकेंगे।।
प्रियतम उस दिन हम महकेंगे…
किंतु परीक्षा हो बस इतनी,
विरह पीर सह पाये जितनी।
तुम क्या जानो मधुर मिलन की,
हमें प्यास है साजन कितनी।
जिस दिन तेरे बाँह पाश में,
हम दामिनी बन कर दहकेंगे।।
प्रियतम उस दिन हम महकेंगे…
आलिंगन वो प्रिय!तुम्हारा,
विरह अगन का ताप हरेगा।
और हमारे रोम रोम में,
स्वरसता के रंग भरेगा।
नैनों से होंगी बातें औ
अधर मौन रह कर लहकेंगे।।
प्रियतम उस दिन हम महकेंगे…
अधर प्रणय का गान करेंगे,
और मधुर रस पान करेंगे।
तुम औ मैं हम हों जाएंगे,
तृप्त तृषित मन पूर्ण करेंगे।
घट तुम प्रेम भरा छलकाना,
और हम पी कर कुछ बहकेंगे।।
प्रियतम उस दिन हम महकेंगे…