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Vivek Mishra

Others

5.0  

Vivek Mishra

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वो कहते है अब भूल भी जाओ

वो कहते है अब भूल भी जाओ

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वो कहते हैं अब भूल भी जाओ 

क्या रखा है बीती बातों में  

कोई मुझको ये तो बताये की  

भूल कर भी कहाँ को जाए  

वो कहते हैं फिर से उड़ो

आसमान अभी भी बहुत पड़ा है  

कोई मुझको ये तो बताये  की 

उड़ने को अब पंख कहाँ से लाये 

वो कहते हैं आगे भी देखो  

जीवन में काफी कुछ बाकी है

कोई मुझको ये तो बताये की  

जीने का हौसला कहा से पाए  

वो कहते हैं काफी कुछ ऐसा जो

सच भी है और वो सही भी है  

पर मैं उनको ये कैसे बताऊँ की

नहीं जानते खुद को वापस कैसे पाए

 


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