नारायण तुम हो
नारायण तुम हो
सुख-दुख का है साथी कौन,
हे भगवन बिन तेरे कौन,
ना रिश्ते ना नाते होते,
जब हम अकेले पड़ाव पर होते।
अद्भुत सुंदर नारायण हो तुम,
हे प्रियवर प्रतिपावन हो तुम,
श्वास तुम्हीं एहसास तुम्हीं हो,
जीवन की हर आस तुम्हीं होl
निर्मलता जिस मन में बसा हो,
जिसमें करुणा रूप धरा हो,
तेरी चरणों में शीश नवा हो,
जो सुंदर मनभावन हो वो,
दुखहर्ता नारायण तुम हो।।