मैं चमकना चाहती हूँ
मैं चमकना चाहती हूँ
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मैं चमकना चाहती हूँ, उस सूरज की तरह;
जिसने ज़र्रा-ज़र्रा है चमकाया, ख़ुद को मिटाकर।
मैं चमकना चाहती हूँ, उस सूरज की तरह;
जिसने आसमान को बक्शी है, चमक ख़ुद को बुझाकर।
मैं चमकना चाहती हूँ उस सूरज की तरह;
जिसने बादलों को दी है सुनहरी किनार ख़ुद को छिपाकर।
मैं चमकना चाहती हूँ, उसी सूरज की तरह;
जिसने रोशन की है, यह सारी कायनात ख़ुद को जलाकर।