मेरी माँ
मेरी माँ
मेरी वजह से
आपने है कितने कष्ट उठाये,
आपके अंदर ही रहकर
माँ मैंने ना जाने
आपको कितना सताया।
कोई फरिश्ते से कम नहीं
आप ईश्वर हो मेरी,
प्यारी-सी दुनिया से
रूबरू कराया आपने,
आप विधाता हो मेरी।
नासमझ था मैं
आपने संभाला मुझे,
होश ना था कुछ मुझको
आपने संवारा मुझे।
मेरे हर रोने को
चुटकियों में समझ लेती,
चाहे प्यास लगे या भूख
एक छोटे-से इशारे से भाँप लेती।
डगमगाते कदम
चलना सिखाया आपने,
अच्छे बुरे की न थी कोई समझ
उंगली पकड़ के समझाया आपने।
आज कुछ हूँ तो आपके लिए
मेरा वजूद है तो सिर्फ आपके लिए,
दुनिया में कोई पहचान है
मेरी तो आपके ही लिए।
जब सोचा कुछ करूँ
नया तो सबने रोका,
जब चाहा कुछ करूँ
खास तो अपनों ने भी टोका।
लेकिन हार ना मानने दिया आपने,
मुझको मुझमें विश्वास दिलाया आपने,
हौसलों की अंधेरी गलियों में
दीपक जलाया आपने।
आपके होने से दुनिया है मेरी
आपके कदमों में स्वर्ग है मेरा,
आप यूँ ही प्यार बरसाते रहना
बिन आप ज़िन्दगी सूनी है मेरी।
मेरे जीवन के हर लम्हों का
कर्जदार हूँ मैं आपका,
मिट्टी से इंसान बनाया
मुझको सबसे बेहतर बनाया।
चरणों में आपके जीवन
न्यौछावर कर दूँ,
अंश हूँ मैं आपका।