माँ
माँ
1 min
6.7K
तेरे आँचल की ख़ुशबू
आज भी मेरी ज़िंदगी महका जाती है
तेरे आँखों की भाषा
आज भी कितना सिखा जाती है
तुझसे लिपट कर हर दर्द
मानो पिघल जाता है
तेरी ममता की छांव में
बस सुकूँ ही नज़र आता है
आज भी तुझसे होकर ही
अपना वज़ूद पाती हूँ मैं
हर दिन लगता है
कैसे धीरे-धीरे
तुझ सी हो जाती हूँ मैं