हमसे दूर जा बैठे
हमसे दूर जा बैठे
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पता नहीं क्या पाने चले थे, कि सब कुछ खो बैठे
अपनी ही बनाई दुनिया में, बेगाने हो बैठे
अफ़सोस नहीं है अपनी इस तन्हाई पर
पर जिसके लिऐ हम दुनिया से दूर हुऐ थे
वही हमसे दूर जा बैठे