करले खुद से तू भी मोहब्बत
करले खुद से तू भी मोहब्बत
अकेला है तो क्या हुआ
इंतजार किसका है
एतबार किसका है
तन्हाई की महफ़िल में।
खुद को गले लगाए जा
आशाओं की डोर पकड़
आगे कदम बढ़ाए जा
है हौसले की चाबी तेरे ही हाथों में।
खोल प्यार से भरा दिल का तहखाना
क्यों है खुद से शिकायत
है तुझे भी इजाज़त
करले खुद से थोड़ी तू भी मोहब्बत।