राही
राही
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चल राही बाधा साथी हैं
तुझको मजबूत बनाऐंगी
मंज़िल से ध्यान हटाना मत
ये तो आती ही जाऐंगी
गिरेगा जब जब राह में
होसला बढ़ता जाऐगा
चलना होगा बिना रुके
लक्ष्य को पास ही पाऐगा
बन जाना तू अचल शिला
जब सूरज पिघलना चाहेगा
बन जाना तू अडिग तरु
वर्षा का भय जब छाऐगा
आसमाँ की अनंतता में
ख़ुद को खोया पाऐगा
पर तेरे मन का दृढ़ निश्चय
तुझको राह दिखाऐगा