नशेबाजी
नशेबाजी
नशे की लत से देखो
कितने हो गये बर्बाद
संभालो तुम खुद को
और हो जाओ आबाद।
नशे की धुन में हो रहा
मदहोश सारा जहाँ
गिर पड़े जाकर ऐसे
ढूंढे सारे कहाँ कहाँ।
नशे की बात चली
अपमान ही होता
अपने पराये सारे
हर कोई ताना देता।
नशेबाजी छोड़ दो
ले लो तुम खुली साँस
सारा जहाँ मुठ्ठी में
मन मे धर लो आस।