चूहे - 2
चूहे - 2
चूहे-2
इस उत्तरआधुनिक समय के सीमेन्ट ने जब
अनेक दुर्लभ जीव-जन्तुओं, पशु-पक्षियों
की क़ब्रगाहें बनाते और
उनकी संख्या में बेशुमार कमी लाते हुऐ
उन्हें डायनासोर की श्रेणी में
इतिहास की किताबों का हिस्सा बनाने-हेतु
बढ़ा दिए क़दम तब अपनी
दिव्यशक्ति का भरपूर प्रदर्शन करते हुऐ
चूहे निरन्तर कर रहे हैं
अपनी संख्या में गुणातीत वृद्धि
सूखे और बाढ़ से सर्वथा अप्रभावित
टनों चूहेमार गोलियों और पाउडर
को हज़म करते हुऐ अपने हर सम्भव
क़त्लेआम से निर्लिप्त
बढ़ाते जा रहे हैं अपना संख्याबल
होड़ लेते हुऐ चीन से
अब उन्हें भय नहीं
सबसे शक्तिशाली अमेरिका की
परमाणु नीति से
या फिलिस्तीनी ग़ुरिल्लों से
या कश्मीर के पृथकतावादी गुटों से
मणिपुरी, बोडो या तमिल उग्रवादियों से
उनके पेटों का आॅपरेशन करने पर
निकलेंगी उनमें से
उत्कृष्ट कलाकृतियाँ,
प्राचीन पाण्डुलिपियाँ
अमूल्य ग्रन्थ
महारानी की बेशक़ीमती साड़ियाँ
नवाबों की पोशाकें
गेहूँ और चावल के गोदाम
ह्विस्की के क्रेट भी
चूहों की कमर से
लटकते हैं तमंचे
और आम चुनाव में
कोई न कोई राष्ट्रीय दल उन्हें
टिकट अपना दे ही देता!
चूहों ने बनाया है
अपना एक संघ
और पृथक पार्टी
और गम्भीरता से वैचारिक मन्त्रणा के
दौर से गुज़र रहे हैं
कि कैसे हथियाई जाए सत्ता
और कैसे
साम्राज्य अपना बढ़ाया जाऐ ?
ग़ुरिल्ला हमला होने पर
वे भाग लेते
हिरनों की तरह चैकड़ी भरते हुऐ
पर उनकी अलहदा प्रकृति
दिखती उसी समय
जब उन्हें घेर लिया जाता
चारों ओर से
भागने का कोई मार्ग
नहीं उन्हें मिलता जब
तब वे सचमुच हिंसक
आक्रामक हो उठते
क्योंकि उन्हें पता है यह वेद-वाक्य:
‘हमला ही सर्वाधिक
कारगर सुरक्षा!’
‘मरता क्या न करता’
कहावत को करते चरितार्थ
वे धीरे-धीरे
नामालूम ढँग से
बदल रहे हैं
एक नयी नस्ल में
अवतरित होने
आदमी का परीक्षण करते
परखनली के भीतर
और प्रकाश की गति से दौड़ते
अनन्त ब्रह्माण्ड में
खोजने के लिए
अभी तक विलुप्त
किसी नए ग्रह को
इक्कीसवीं सदी के
नए कोलम्बस के रूप में
नई सभ्यता के उद्धारक बनकर!