मैंने ठीक से आपको जाना नहीं !
मैंने ठीक से आपको जाना नहीं !
सात साल से
लिविंग-रेलशनशीप
में रहती थी,
अपने सब दुख -दर्द
मुझसे कहती थी,
आज दूर से ही
नजरें झुकाकर कहती हैं,
बिजी हूँ,
कोई बहाना नहीं,
सॉरी दोस्त,
मैंने ठीक से आपको जाना नहीं !
जब
खामोश आंखों से
बात होती थी।
ऐसे ही
मोहब्बत की
शुरुआत होती थी।
तुम्हारे ही ख्यालो में
खोए रहते थे।
पता नहीं
क़ब दिन और क़ब रात
होती थी।
हर रिश्ते
तुम्हारे होने से,
हर किस्से
तुम्हारे होने से,
सब यादें वो
भूल गये,
किसी और के
हो गये,
कॉल करने पे
कहते हैं,
बिजी हूँ,
कोई बहाना नहीं,
सॉरी दोस्त,
मैंने ठीक से आपको जाना नहीं !