आया है फिर चुनाव भैया
आया है फिर चुनाव भैया
आया है फिर चुनाव भैया
भोग चढ़ाया जाएगा
राजनीति का दाँव खेलकर
वोट बढ़ाया जाएगा।
खातिर कुर्सी के, जनता को
फिर से पटाया जाएगा
आरक्षण और जाति धर्म में
फिर भड़काया जाएगा।
जरूरतों से भटकी जनता
पैसा खिलाया जाएगा
फिर एक झूठे घोषणापत्र से
हक दिलवाया जाएगा।
साम दाम और दंड भेद का
सूत्र चलाया जाएगा
कुर्सी मिलते ही जनता को
फिर से भुलाया जाएगा।
कुर्सी मिलते ही जनता को
फिर से भुलाया जाएगा।।
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शशिकांत शांडिले (एकांत), नागपुर
मो.९९७५९९५४५०