सलाम !
सलाम !
सलामत है सिर हर एक इस वक्त
झुक रहा है शान में आपकी इस वक्त
खड़े जो सीना ताने सीमा संभाले
तो धड़कन है सीने में हमारे इस वक्त
है कुर्बान जान इश्क - ए - वतन जवानों
तभी जान में जान है इधर इस वक्त
दुश्मन की नज़र काटते नज़र जो
तो नज़र नज़र चमकती हमारी इस वक्त
खिदमते पेश बस इतनी ही हुज़ूर
हुक्म जो भी सर - आँखों पे इस वक्त
है हाज़िर हम भी जान को जान देंगे
सरफरोशी की तमन्ना हमे भी इस वक्त
गर काम कुछ आस के आपकी खातिर
दीवानगी निभाना चाहते हम इस वक्त
करते हैं सलाम ए बहादुर जवानों !
शुक्रगुज़ार अवाम सारी यहाँ इस वक्त...।